कोलकाता ( टुडे न्यूज़) :एम्स कल्याणी के नेत्र विज्ञान विभाग में आंख की आंतरिक संरचनाओं में असामान्यताओं का पता लगाने के लिए एक उच्च स्तरीय यूएसजी मशीन का उपयोग करके एक महत्वपूर्ण निदानकारी सुविधा शुरू हुई है। यहां सिनैप्टोफोर के साथ वीजन थेरेपी भी शुरू की गई है। एम्स कल्याणी के कार्यकारी निदेशक
प्रो. डॉ रामजी सिंह ने गुरुवार पोइला-बैसाख के अवसर पर इन दोनों सुविधाओं का उद्घाटन किया।
नई सुविधा के तहत बी स्कैन अल्ट्रासोनोग्राफी नेत्र रोग और मोतियाबिंद जैसे नेत्र संबंधी आघात, अंतःस्रावी संक्रमण, ट्यूमर या सामान्य बीमारियों के प्रबंधन में बहुत उपयोगी होगी। एम्स कल्याणी में नेत्र रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. महुआ चट्टोपाध्याय ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया की यह एक दर्द रहित, सुरक्षित प्रक्रिया है, जिसमें विकिरण का कोई संपर्क नहीं है। पूर्ण मोतियाबिंद जैसी स्थितियों में जब प्रकाश आंख के अंदर तक पहुंचने में सक्षम नहीं होता है तो हम अल्ट्रासाउंड ऊर्जा को आंख से गुजरते हैं, और परिलक्षित प्रतिध्वनि से हम आंख की आंतरिक संरचनाओं के बारे में जान सकते हैं। विभाग ने अलग-अलग दृष्टि विकारों वाले बच्चों की मदद करने के लिए सिनैप्टोफोर के साथ वीजन थेरेपी भी शुरू किया है।