कोलकाता( टुडे न्यूज़ ): सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर शुक्रवार को तस्करी को विफल करते हुए बाइक के टायर में छिपाकर रखी गई 4.375 किलोग्राम विदेशी सोने के बिस्कुटों को जब्त कर लिया। साथ ही एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया। जब्त सोने का आनुमानिक मूल्य करीब दो करोड़ 3 लाख 84 हजार रुपये है। बांग्लादेश से भारत में इसकी तस्करी की कोशिश की जा रही थी। बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि स्वरूपनगर थाना अंतर्गत बीओपी गोबरधा इलाके में विशेष ऑपरेशन चलाकर 153वीं बटालियन के जवानों ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। बीएसएफ की ओर से एक बयान में बताया गया कि सुबह 9.30 बजे विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर गोबरधा सीमा चौकी इलाके में जवानों ने एक मोटरसाइकिल को रोका तथा उस पर सवार तस्कर को पकड़ा। मोटरसाइकिल की जांच में 4.375 किलोग्राम सोना जब्त किया गया। इसे पिछले टायर में छिपा कर रखा गया था। तस्कर ने पूछताछ में अपना नाम परेश राय, निवासी- ग्राम नाईपाड़ा, गोबरधा, उत्तर 24 परगना बताया। उसका घर भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 मीटर की दूरी पर स्थित है। परेश राय ने बताया कि यह सोने की खेप उसे एक बांग्लादेशी जिसका नाम शरीफ है ने उसके घर के नजदीक बॉर्डर पिलर नंबर 7/49-एस पर दिया। परेश ने बीएसएफ को बताया कि वह सोने की तस्करी में लिप्त तस्कर बलाई मंडल, ग्राम- गोबरधा मार्केट के लिए काम करता है तथा वो उसकी चचेरी बहन का पति है। इस धंधे में चंदन दफादार, ग्राम गोबरधा बाजार भी लिप्त है। तस्कर परेश राय के अनुसार यह सोने का बैग उसने मोटरसाइकिल में छिपाकर उसे गोबरधा बाजार ले जा रहा था। बीएसएफ ने उसका बाइक भी जब्त कर लिया जिसकी कीमत लगभग 50,000 रुपए है। इधर, बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआइजी व वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि तस्कर से पूछताछ के दौरान पता चला है कि जब से भारत-बांग्लादेश से कोरोना से संबंधित लॉकडाउन उठाया गया है, सोने तस्कर सक्रिय हो रहे हैं। बांग्लादेश के तस्कर यह सोना तस्करी करके अरब देशों, सिंगापुर, थाईलैंड इत्यादि देशों से लेकर भारत में तस्करी करते हैं। 1 किलो सोने की तस्करी करने पर यह लगभग ₹4 लाख का फायदा उठाते हैं। गुलेरिया ने बताया कि वास्तविक में उत्तर 24 परगना की जो अंतरराष्ट्रीय सीमा है उसके जरिए होने वाले ट्रांसबॉर्डर अपराधों को रोकना बीएसएफ के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि इस बॉर्डर पर जीरो लाइन तक घर बसे हुए हैं। इलाके में जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण सीमा पर फेंसिंग नहीं लगाई जा सकी है तथा कई स्थानों पर जहां तस्करी तथा ट्रांसबॉर्डर अपराधों में लिप्त लोग रहते हैं वह फेंसिंग लगाने का प्रतिरोध करते हैं। ऐसे इलाके में आपराधिक छवि वाले लोगों पर नजर रखना बीएसएफ के लिए बड़ी चुनौती है क्योंकि अपराधी अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक आपस में सांठगांठ करते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर ट्रांसबॉर्डर अपराधियों को बहुत हद तक रोकने में सफलता हासिल की है और लगातार तस्करों के मंसूबे विफल किए जा रहे हैं। इधर, 153वीं बटालियन के कमांडिंग अधिकारी जवाहर सिंह नेगी ने विश्वास जताया कि उनके इलाके में तस्करों के मंसूबों को वह किसी भी हालत में कामयाब नहीं होने देंगे। बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए जब्त सोना व तस्कर को स्थानीय थाने को सौंप दिया है।