कोलकाता( टुंडे न्यूज़).
तृतीय खण्ड का ‘अपराजित सत्यजीत’ नामक ग्रंथ प्रकाशित हुआ. सत्यजीत रे की जन्म शताब्दी के अवसर पर, सत्यजीत रे की मृत्यु की 30 वीं वर्षगांठ 23 अप्रैल को कल्याणी विश्वविद्यालय द्वारा पुस्तक का पहला खंड और दूसरा खंड प्रकाशित किया गया था. 360 पन्नों की इस किताब में जापान, जर्मनी, रूस, कनाडा, बांग्लादेश और भारत जैसे दस देशों के 55 लेखकों के लेख शामिल हैं. लेखक सूची में उमा दासगुप्ता (एसईएन), ऐडा सोफियान, माधवी मुखर्जी, रंजीत मल्लिक, अलकनंदा रॉय, कुशाल चक्रवर्ती, शमीक बंद्योपाध्याय, उत्पलेंदु चक्रवर्ती, चिरंजीत, वरुण चंद, सौमेंदु रॉय और अन्य शामिल हैं. राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने शेक्सपियर के साथ सत्यजीत रे की पुण्यतिथि के प्रसंग पर आधारित पुस्तक की प्रस्तावना लिखी है. उन्होंने लिखा कि सचेत कला इस अभिव्यक्ति के रूप में उभरती है कि सिनेमा, सत्यजीत रे, मूल पाठ है जिसके बिना कोई आंदोलन नहीं है, हर दिन और हर पल. उन्होंने यह भी लिखा कि सत्यजीत रॉय खुद एक फिल्म लेखक से फिल्म निर्माता बन गए. तब भारतीय सिनेमा में रिलीज निश्चित था. पुस्तक में सत्यजीत की फिल्मों के स्मरणोत्सव, साहित्य, संगीत, साज-सज्जा, खेलकूद, सत्यजीत के विदेशों में अभ्यास आदि के अलावा भी कई विषयों पर प्रकाश डाला गया है. परिशिष्ट में कुछ दुर्लभ चित्र हैं जो अभी तक अप्रकाशित हैं. पुस्तक का संपादन विश्वविद्यालय के बंगाली विभाग के पत्रकारिता सर्टिफिकेट कोर्स के समन्वयक प्रोफेसर सुखेन बिस्वास ने किया है. सत्यजीत के जन्मदिन (2 मई) के ठीक एक महीने बाद कल्याणी विश्वविद्यालय ने पुस्तक प्रकाशित की.