SCO सम्मेलन में पीएम मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी। विदेश मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं हो सकता।
पुलवामा हमले के बाद भारत के चौतरफा प्रहार से पाकिस्तान की कमर टूट गई है। भारत ने ऐसा चक्रव्यूह तैयार किया है। जिससे बचना पाकिस्तान के लिए असंभव है। शंघाई सहयोग संगठन की 13-14 जून को शिखर बैठक होगी। इसमें पीएम मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी शामिल होंगे लेकिन दोनों देशों के प्रधानमंत्री के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी।
पीएम मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को आमंत्रित नहीं किया। पहली विदेश यात्रा में मालदीव चले गए। ये सब कुछ बताता है कि भारत अब आतंकवाद को लेकर नया और आक्रामक रुख अपना चुका है। विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है आतंक और बातचीत एक साथ नहीं हो सकती है।
SCO सम्मेलन में पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग और रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन समेत कई नेताओं से मिलेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में आतंकवाद को लेकर पीएम मोदी विश्व मंच पर इमरान खान को आइना दिखा सकते हैं। पुलवामा हमले के बाद से भारत आतंकवाद के मुद्दे पर विश्व के ताकतवर देशों को एक मंच पर लाने में कामयाब रहा।
साफ है कि बैठक में दोनों देशों के नेता मौजूद होंगे। औपचारिक फोटो सेशन भी होगा लेकिन उनमें कोई बातचीत नहीं होगी। अपनी जमीन से आतंकवादी गतिविधियों को रोक पाने में नाकाम पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए भारत लगातार कूटनीतिक कोशिश करता रहा है।
भारत ने इसके लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को डाउनप्ले करने का तरीका अपनाया है। पाकिस्तान लगातार भारत से बातचीत करने की अपील कर रहा है। मगर भारत की ओर खास तवज्जो नहीं दिया जा रहा।