कल्याणी( टुंडे न्यूज़):नदिया जिला के कल्याणी विश्वविद्यालय के बांग्ला विभाग आम्रकुंज में अमर एकुशे को याद किया गया. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अमलेन्दु भुईया ने कहा कि सबसे पहले बाजार अर्थव्यवस्था, बांग्ला भाषा को बाजार अर्थव्यवस्था से ऊपर ले जाना चाहिए. बांग्ला में विभिन्न विदेशी शब्दों की शब्दावली बनानी होगी. तभी बंगाल में विज्ञान, अर्थशास्त्र, राजनीति आदि का कार्य करना संभव हो सकेगा. इसके अलावा प्रशासनिक पक्ष से भी बंगाल को महत्व दिया जाना चाहिए.’ मौके पर प्रो संजीत मंडल, प्रो सुखेन विश्वास, प्रो प्रवीर प्रमाणिक, प्रो सवित्री नंदा चक्रवर्ती सहित अन्य उपस्थित थे. भाषा विज्ञान के प्रोफेसर सुखेन बिस्वास ने कहा कि बंगालियों का नागरिक मन धीरे-धीरे खराब हो रहा है. आधुनिकता की बजाय एक दिन की कृत्रिम बंगालियाना को महत्व देने के कारण बंगाली भाषा और संस्कृति लगातार खतरे में पड़ रही है.
भाषण के अलावा, ढाका भाषा के शहीद गफूर, रफीक, सलाम आदि और सिलचर के भाषा शहीद सचिन्द्र पाल, कनाई नियोगी, कमला भट्टाचार्य आदि को बांग्ला भाषा केन्द्रित गीत लेखन, नृत्य, कविता कोलाज आदि के माध्यम से याद किया गया. उद्घाटन समारोह के बाद करीब चार सौ छात्रों, शोधार्थियों और प्रोफेसरों ने ‘अमी बांग्लाये गन गाई’ गाते हुए पूरे विश्वविद्यालय का भ्रमण किया.